📌 परिचय- सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों या संस्थानों में समय के साथ ऐसी सामग्री एकत्र हो जाती है जो अनुपयोगी, नकारा, अप्रचलित या बेशी हो जाती है। ऐसी सामग्री का उचित और वित्तीय नियमों के अनुसार निस्तारण करना आवश्यक होता है। इसके लिए नीलामी प्रक्रिया अपनाई जाती है जिससे एक ओर जहाँ संपत्ति का पुनर्चक्रण होता है, वहीं दूसरी ओर राजकोष में आय भी जमा होती है
🎯 उद्देश्य
इस प्रक्रिया का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अनुपयोगी सामग्री का पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा और वैधानिक नियमों के अनुसार निस्तारण हो सके, और उससे प्राप्त राशि सरकारी खाते में नियमानुसार जमा हो ।
📄 मुख्य प्रपत्र
प्रपत्र विवरण
SR-5 अनुपयोगी सामग्री की प्रारंभिक सूची व सत्यापन; प्रभारी, राजपत्रित अधिकारी और कार्यालयाध्यक्ष के हस्ताक्षर आवश्यक।
SR-6 निरीक्षण समिति द्वारा तैयार रिपोर्ट जो सामग्री को अनुपयोगी घोषित करती है।
SR-7 विक्रय लेखा – नीलामी के पश्चात राजस्व और कर विवरण का रिकॉर्ड।
🏛 समितियों का गठन
समिति सदस्य कार्य
प्रारंभिक समिति (SR-5) स्टोर प्रभारी, राजपत्रित अधिकारी, कार्यालयाध्यक्ष/DDO सामग्री की सूची बनाना
निरीक्षण समिति (SR-6) लेखाकार, स्टोर प्रभारी, राजपत्रित अधिकारी, DDO सामग्री की स्थिति की समीक्षा
नीलामी समिति लेखाकार, राजपत्रित अधिकारी, कोषाधिकारी का प्रतिनिधि, प्रभारी, DDO नीलामी का संचालन
📆 न्यूनतम उपयोग अवधि
किसी भी सामग्री को अनुपयोगी घोषित करने से पूर्व, विभागीय नियमों में निर्धारित न्यूनतम उपयोग अवधि का पालन अनिवार्य है, जैसे कि:
• फर्नीचर: 10 वर्ष
• विद्युत उपकरण: 7 वर्ष
• कपड़ा सामग्री: 3-5 वर्ष
यदि यह अवधि पूरी नहीं हुई है, तो उसे नीलामी हेतु घोषित करना अवैध माना जा सकता है।
💰 आरक्षित मूल्य निर्धारण
• SR-6 निरीक्षण रिपोर्ट और बाजार दर के अनुसार निर्धारित।
• आरक्षित मूल्य गोपनीय रखा जाता है, ताकि न्यूनतम स्वीकृति स्तर सुनिश्चित हो सके।
📢 नोटिस और विज्ञापन अवधि
मूल्य सीमा विज्ञापन माध्यम न्यूनतम अवधि
₹50,000 तक नोटिस बोर्ड, पत्र 7 दिन
₹50,000–2.5 लाख स्थानीय अखबार 10 दिन
₹2.5–10 लाख राष्ट्रीय अखबार 15 दिन
₹10 लाख से अधिक अखिल भारतीय स्तर 20 दिन
🧾 बयाना राशि (Earnest Money)
• सामान्यतः कुल आरक्षित मूल्य का 2%
• न्यूनतम ₹500 और अधिकतम सीमा विभागीय निर्देश अनुसार
• असफल बोलीदाताओं को उसी दिन बयाना राशि वापस
💳 भुगतान और सुपुर्दगी
• नीलामी के समय: 25% राशि तुरंत जमा
• शेष राशि: सामग्री सुपुर्दगी से पहले
• सामग्री उठाने की अवधि: 3–7 दिन
• विलंब की स्थिति में बयाना राशि जब्त हो सकती है
📦 कर और चालान
• नीलामी पर GST/VAT लागू होता है
• कई मामलों में Reverse Charge Mechanism (RCM) लागू – कर भुगतान क्रेता द्वारा
• कर व राजस्व राशि अगले कार्यदिवस राजकोष/टैक्स हेड में जमा की जाती है
• चालान की प्रति कार्यालय रिकॉर्ड हेतु संधारित
📋 नीलामी दिवस की कार्यवाही
• प्रतिभागियों का पंजीकरण और बयाना राशि की जांच
• खुली बोली प्रक्रिया, आरक्षित मूल्य का ध्यान
• सर्वाधिक बोली स्वीकार होने पर 25% राशि की रसीद
• अन्य प्रतिभागियों को बयाना राशि वापस
🔄 नीलामी के बाद कार्य
• शेष भुगतान प्राप्त कर सामग्री सुपुर्दगी
• SR-7 प्रपत्र में विक्रय लेखा तैयार
• राजस्व और कर का चालान संलग्न कर रिकॉर्ड संधारण
📌 विशेष निर्देश
• वाहनों/जप्त सामग्री की नीलामी के लिए अलग नियम लागू
• GST से संबंधित प्रावधानों का स्पष्ट उल्लेख नोटिस में आवश्यक
• सभी कार्यवाही GF&AR व वित्तीय नियमों के अनुसार हो
✅ त्वरित चेकलिस्ट
• ✔ SR-5 तैयार व हस्ताक्षरित
• ✔ SR-6 निरीक्षण रिपोर्ट व अनुमोदन
• ✔ नीलामी समिति का गठन
• ✔ आरक्षित मूल्य निर्धारण
• ✔ विज्ञापन/नोटिस का प्रकाशन
• ✔ बयाना राशि का निर्धारण व वापसी प्रक्रिया
• ✔ भुगतान व सुपुर्दगी की शर्तें
• ✔ GST/RCM नियमों का पालन
• ✔ चालान व लेखा संधार
📄 नमूना नीलामी नोटिस के बिंदु
• नीलामी की तिथि, समय और स्थान
• सामग्री की सूची और निरीक्षण तिथि
• बयाना राशि, भुगतान विधि
• GST/RCM लागू होने की सूचना
• उठान की अवधि, शर्तें
• समिति का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी
📚 निष्कर्ष
सरकारी कार्यालयों में अनुपयोगी सामग्री की नीलामी एक जिम्मेदारीपूर्ण और नियमबद्ध प्रक्रिया है। यदि सभी चरणों का ईमानदारी, पारदर्शिता और वित्तीय नियमों के तहत पालन किया जाए, तो यह न केवल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करता है बल्कि राजकोषीय अनुशासन को भी सुदृढ़ करता है।
नीलामी में उपयोग होने वाले सामान्य प्रपत्र
यहाँ नीलामी में उपयोग होने वाले सामान्य प्रपत्र उपलब्ध हैं। प्रत्येक प्रपत्र को डाउनलोड करने या देखने के लिए नीचे दिए गए बटनों पर क्लिक करें।