आज आप भारत की सड़कों पर अनेकों ब्रांड की कारें देखते है। इसी के साथ नवीनतम मॉडल के गैजेट्स भी आपको देखने को मिलते है। सभी प्रकार के उत्पाद आपको विश्व के प्रत्येक कोने में देखने को मिलते है। इसी को वैश्वीकरण कहते है।
अन्तरदेशीय उत्पादन :-
20 वीं सदी के अन्त तक उत्पादन देश की सीमाओं के मध्य ही होता था। लेकिन इसके बाद एकदम से इसमें बदलाव हुआ है। यदि भारत का उदाहरण ले तो यहां पर कच्चा माल निर्यात होता था। इसी के साथ तैयार वस्तुएं आयात होती थी। व्यापार ही एकमात्र इसका तरीका था।
इसमें बड़ी – बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनीयों ने अपना योगदान दिया। यह विश्व स्तर पर वस्तुओं और सेवाओं का आदान – प्रदान करती है। भारत जैसे देश में जहां पर आबादी अधिक है। लेबर आसानी से उपलब्ध हो जाती है। इसी के साथ उपभोग भी अधिक होता है।
जिससे यहां पर बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी विनिर्माण इकाईयां स्थापित कर रही है। इनकी वजह से अलग – अलग फैला हुआ उत्पादन परस्पर संबंधित हो रहा है। वस्तुओं के परिवहन को आसान बनाने के लिए कंटेनर का उपयोग होता है। जिन्हें माल से भरकर जहाज एवं रेलगाड़ी से आसानी से परिवहन किया जाता है।
इनके लिए संचार व्यवस्था का भी प्रसार हुआ है। आज मोबाइल फोन तथा इन्टरनेट के जरिए विश्व भर में संपर्क स्थापित किया जा सकता है। जिसमे समय के साथ – साथ रूपयों की भी बचत होती है। यहीं सभी कारण है, जिनके कारण वैश्वीकरण को बढ़ावा मिला है।
Description | Download Link |
---|---|
Book Full Chapter In Hindi | Click Here |
Book Full Chapter In English | Click Here |
Full Chapter Solutions In Hindi | Click Here |
Full Chapter Solutions In English | Click Here |
Chapter Quiz In Hindi | Click Here |
Chapter Quiz In English | Click Here |